Qurbani Ki Dua
Qurbani Ki Dua
Posted on by Siratalmustaqeem

क़ुरबानी की दुआ
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إِنِّي وَجَّهْتُ وَجْهِيَ لِلَّذِي فَطَرَ السَّمَوَاتِ وَالأَرْضَ عَلَى مِلَّةِ إِبْرَاهِيمَ حَنِيفًا وَمَا أَنَا مِنَ الْمُشْرِكِينَ،
إِنَّ صَلَاتِي وَنُسُكِي وَمَحْيَايَ وَمَمَاتِي لِلَّهِ رَبِّ الْعَالَمِينَ لَا شَرِيكَ لَهُ، وَبِذَلِكَ أُمِرْتُ وَأَنَا مِنَ الْمُسْلِمِينَ،
اللَّهُمَّ مِنْكَ وَلَكَ وَعَن (falah ibne falahِ) بِاسْمِ اللَّهِ وَاللَّهُ أَكْبَرُ”، ثُمَّ ذَبَحَ
दुआ हिन्दी में
इन्नी वज्जहतु वजहिया लिल्लज़ी फतरस्समावाति वल अर्ज़ अला मिल्लति इब्राहिमा हनीफ़ा वमा अना मिनल मुशरिकीन
इन्ना सलाती व नुसुकी व महयाया व ममाती लिल्लाहि रब्बिल आलमीन ला शरीका लहु, व बिज़लिका उमिरतु व अना मिनल मुस्लिमीन
अल्लाहुम्मा मिनका व ल क – व अन (यहाँ नाम ले- फलाह इब्ने फलाह) बिस्मिल्लाहि वल्लाहु अकबर फिर ज़िबह करे,
दुआ का तर्जुमा
में अपना रुख़ उस ज़ात की तरफ़ करता हु जिसने आसमानों और ज़मीन को पैदा किया, में इब्राहीम के दीन पर हु, कामिल मुवहिद हु, मुशरिकों में से नही हु
बेशक मेरी नमाज़ मेरी तमाम इबादतें, मेरा जीना और मेरा मरना ख़ालिस उस अल्लाह के लिये हे जो सारे जहाँन का रब हे, मुझे इसी का हुक्म दिया गया हे और में मुसलमानों में से हु,
ऐ अल्लाह ! ये क़ुरबानी तेरी ही अता हे, और ख़ास तेरी रज़ा के लिये हे,
क़ुरबानी जिसकी तरफ़ से की जा रही हे यहा उसका नाम ले नाम ले(फ़लाह इब्ने फ़लाह) की तरफ़ से इसे क़ुबूल कर, (बिस्मिल्लाहि वल्लाहु अकबर) अल्लाह के नाम के साथ, और अल्लाह बहुत बड़ा हे,, फ़िर ज़िबह करे-
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